प्यारे दोस्तों एवं आदरणीय व्यापारी बंधुओं !
मुस्कुराते व खिलखिलाते रहिये बंधुओं !
सदा स्वस्थ और व्यस्थ रहिये बंधुओं !
न कोई खत और न ही एस. एम. एस आया ;
ना ही कोई मजमून और न मोबाइल आया ;
कहीं आपका दिल किसी और पे तो नहीं आया ?
खता हम से अनजाने में हो गई हो अगर ;
नाराज मत होइएगा हमें अपना मानकर ;
मुआफ कर दीजियेगा, हमें नादान जानकर |
दिला रहे हैं याद आपको, सो नोट कृपया कीजिए ;
हर पहली तारीख को याद हमें कर लिया कीजिए ;
साथ ही कुछ हुकम व कुछ नामा भी भेज दीजिए |
बीते हुए कल की चर्चा मत कीजिए,
आने वाले कल की चिंता मत कीजिए,
आप तो आज के भावों का आनंद लीजिए |
आपके उत्तर की प्रतीक्षा में – आनंद अरोड़ा